Friday, 26 September 2025

अनुभव और डिग्री: विकास क्षेत्र में करियर ग्रोथ का महामार्ग...

   आज के दौर में विकास क्षेत्र में करियर की ऊंचाइयों को छूने के लिए अनुभव के साथ-साथ एक मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा की डिग्री होना अत्यंत आवश्यक है। यह उन लाखों सामुदायिक कार्यकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है जो गांव और पंचायत , प्रखंड   स्तर पर वर्षों से अथक परिश्रम कर रहे हैं।

विकास (Development) के क्षेत्र में, चाहे वह सरकारी परियोजनाएं हों या गैर-सरकारी संगठन, जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं के पास अक्सर अपार अनुभव और जमीनी जानकारी का खजाना होता है। वे जानते हैं कि जमीनी हकीकत क्या है, कौन सी योजना काम करेगी और कौन सी नहीं। उदाहरण के लिए, जीविका परियोजना के सामुदायिक कार्यकर्ता CM,BK,MBK,CF,MRP,VRP ,BM etc  (कैडर) एवं जीविका कर्मी (AC,CC)  प्रखंड स्तरीय  वर्षों तक समूह निर्माण, आजीविका संवर्धन और सामाजिक सशक्तिकरण जैसे कार्यों में लगे रहते हैं, जिससे उनके पास अमूल्य व्यावहारिक ज्ञान जमा होता है।

हालांकि, अक्सर देखा गया है कि जब करियर की सीढ़ी पर ऊपर चढ़ने की बात आती है, तो यह अपार अनुभव केवल मैट्रिक, इंटरमीडिएट या साधारण ग्रेजुएशन की डिग्री के सामने कहीं न कहीं कम पड़ जाता है। उच्च पदों पर आवेदन करने के लिए, या तो अनुभव की एक लंबी अवधि (जो अक्सर 5-10 साल होती है) मांगी जाती है, या फिर मास्टर डिग्री (जैसे MSW,BSW, MA in Rural Development, MA in Rural Development ,etc) की मांग की जाती है।

क्यों जरूरी है उच्च डिग्री?

उच्च डिग्री केवल कागज का एक टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह आपके करियर को निम्न तरीकों से गति देती है:

 * ज्ञान का औपचारिक प्रमाण: यह सिद्ध करता है कि आपके पास केवल काम करने का अनुभव ही नहीं, बल्कि उस काम के पीछे के सिद्धांतों, वैश्विक मॉडलों और नवीनतम अनुसंधानों की भी समझ है।
 * करियर में प्रगति: मैनेजर, प्रोजेक्ट लीड या प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर जैसे उच्च पदों के लिए यह एक अनिवार्य योग्यता बन जाती है। बिना इसके, आपका प्रमोशन या किसी अन्य बड़े संगठन में जाना मुश्किल हो जाता है।
 * बेहतर सैलरी और पैकेज: उच्च डिग्री, विशेषकर MSW या डेवलपमेंट स्टडीज में, आपके सैलरी पैकेज को सीधे तौर पर बढ़ाती है।
 * बेहतर नेटवर्किंग: उच्च शिक्षा आपको अन्य अनुभवी पेशेवरों और शिक्षाविदों से जोड़ती है, जो आपके भविष्य के करियर में सहायक सिद्ध होती है।

काम करते हुए भी पढ़ाई: कॉरेस्पोंडेंस (पत्राचार) का विकल्प..

विकास क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि वे अपना काम छोड़कर रेगुलर कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाई नहीं कर सकते। ऐसे में, कॉरेस्पोंडेंस (Distance Learning) या मुक्त विश्वविद्यालय (Open University) का माध्यम उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
भारत में कई प्रतिष्ठित केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालय, जैसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU), और अन्य निजी संस्थान, BSW (Bachelor of Social Work), MSW (Master of Social Work), MA in Rural Development या MA in Development Studies जैसे कोर्स कॉरेस्पोंडेंस मोड में प्रदान करते हैं।

कॉरेस्पोंडेंस पढ़ाई के लाभ:

 * कार्य और शिक्षा का संतुलन: आप अपनी नौकरी जारी रखते हुए शाम को या सप्ताहांत (Weekends) पर पढ़ाई कर सकते हैं।
 * काम से जुड़ी शिक्षा: आप जो सिद्धांत किताबों में पढ़ते हैं, उन्हें सीधे अपने जमीनी काम में लागू करके बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
 * किफायती: रेगुलर कॉलेज की तुलना में कॉरेस्पोंडेंस कोर्स अक्सर कम खर्चीले होते हैं।
यह समय की मांग है कि जीविका जैसी परियोजनाओं में काम कर रहे अनुभवी कार्यकर्ता इस अवसर का लाभ उठाएं और कम से कम मास्टर डिग्री हासिल करके अपने अनुभव को एक औपचारिक पहचान दें।

डिग्री के साथ-साथ कौशल (Skills) का भी विकास..

     आज के इंटरनेट युग में केवल डिग्री ही काफी नहीं है, बल्कि कौशल (Skills) भी महत्वपूर्ण हैं। कार्यकर्ता भले ही वर्षों से काम कर रहे हों, लेकिन उन्हें निम्नलिखित कौशल पर लगातार ध्यान देना चाहिए:

 * डिजिटल और कंप्यूटर साक्षरता:
   * कंप्यूटर ज्ञान: MS-Office (Word, Excel, PowerPoint) में विशेषज्ञता, डेटा एंट्री, रिपोर्टिंग, और बजटिंग के लिए Excel का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है।
   * इंटरनेट और ईमेल: प्रभावी संचार के लिए ईमेल का उपयोग और सरकारी/गैर-सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए इंटरनेट रिसर्च का कौशल।
 * प्रभावी संचार कौशल (Communication Skills):
   * रिपोर्ट लेखन: उच्च अधिकारियों और फंडिंग एजेंसियों को स्पष्ट और प्रभावी रिपोर्ट लिखना।
   * प्रस्तुति कौशल (Presentation Skills): बैठकों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में आत्मविश्वास से अपनी बात रखना।
 * टीम वर्क और नेतृत्व:
   * सामुदायिक समन्वयकों को समूहों का नेतृत्व करना होता है, इसलिए नेतृत्व (Leadership) और समस्या-समाधान (Problem-Solving) कौशल को लगातार बेहतर बनाते रहना चाहिए।

आज के समय में, जब इंटरनेट हर हाथ में है, तो कार्यकर्ता ऑनलाइन कोर्स प्लेटफॉर्म (जैसे Swayam, Coursera, edX या यहां तक कि YouTube) का उपयोग करके भी ये कौशल सीख सकते हैं। अपने स्मार्टफोन का उपयोग केवल मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि अपने ज्ञान और कौशल को बेहतर बनाने के लिए एक शक्तिशाली शैक्षिक उपकरण के रूप में करना चाहिए।

निष्कर्ष: अनुभव + डिग्री = अपार सफलता..

विकास क्षेत्र में करियर की ऊँचाइयों को छूने का एक ही सीधा फॉर्मूला है: अमूल्य अनुभव + मान्यता प्राप्त उच्च डिग्री + आधुनिक कौशल।

जो कार्यकर्ता आज गांव और पंचायत स्तर पर नींव का काम कर रहे हैं, अगर वे काम करते हुए कॉरेस्पोंडेंस के माध्यम से BSW/MSW जैसी डिग्री हासिल कर लेते हैं और अपने डिजिटल कौशल को बेहतर बनाते हैं, तो न केवल उनकी व्यक्तिगत करियर ग्रोथ सुनिश्चित होगी, बल्कि वे अपनी संस्थाओं में भी महत्वपूर्ण लीडरशिप की भूमिकाओं में जाकर विकास के कार्यों को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जा सकेंगे। यह निवेश आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है।

इस विषय से संबंधित एक यूट्यूब वीडियो लिंक:

विकास क्षेत्र में करियर और पढ़ाई के विकल्पों पर अधिक जानकारी के लिए आप यह वीडियो देख सकते हैं (यह लिंक ग्रामीण विकास/सोशल वर्क में करियर के लिए सामान्य दिशानिर्देश देगा):
 * YouTube Video Link: MA Rural Development Course - Full Details | Eligibility | Duration | Job Profile

 सवाल:
    आपके अनुसार, एक अनुभवी सामुदायिक कार्यकर्ता जो BSW/MSW की डिग्री प्राप्त कर लेता है, वह किस प्रकार ज़मीनी स्तर के काम को बेहतर तरीके से डिज़ाइन और लागू कर सकता है, जो केवल डिग्री धारक या केवल अनुभवी व्यक्ति के लिए संभव नहीं है?



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