समाज कार्य (Social Work) मानव सेवा का वह महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो व्यक्तियों, परिवारों, समूहों और समुदायों को उनकी समस्याओं को हल करने और उनकी भलाई को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह एक विज्ञान भी है और कला भी, जो सामाजिक परिवर्तन और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित है। हालाँकि, समाज कार्य का क्षेत्र विशाल है, लेकिन इसे समझने के लिए, हमें इसकी दो सबसे प्रमुख और मौलिक कार्यप्रणाली को जानना होगा: व्यक्तिगत समाज कार्य (Social Case Work) और सामुदायिक समाज कार्य (Community Social Work)। ये दोनों ही पद्धतियाँ समाज कार्य की दो आँखें हैं—एक सूक्ष्म (Micro) स्तर पर केंद्रित है, तो दूसरी व्यापक (Macro) स्तर पर।
1. व्यक्तिगत समाज कार्य (Social Case Work): एक-पर-एक सहायता का विज्ञान..
व्यक्तिगत समाज कार्य, जिसे आमतौर पर केस वर्क कहा जाता है, समाज कार्य की सबसे पुरानी और मौलिक विधि है। यह एक सूक्ष्म (Micro) उपागम है जो एक व्यक्ति या एक परिवार की विशिष्ट समस्याओं और ज़रूरतों पर केंद्रित होता है। इसका उद्देश्य व्यक्ति की आंतरिक क्षमताओं और बाहरी संसाधनों के बीच तालमेल बिठाकर, उसे अपनी समस्याएँ स्वयं हल करने में सक्षम बनाना है।
व्यक्तिगत समाज कार्य क्या है?
हैरियट एम. पल्मन (Harriet M. Bartlett) ने केस वर्क को "व्यक्ति की उन समस्याओं के साथ समायोजन में मदद करने की प्रक्रिया" के रूप में परिभाषित किया है जिनका वह सामना कर रहा है। यह एक ऐसा व्यक्तिगत संबंध स्थापित करता है जिसमें पेशेवर सामाजिक कार्यकर्ता (Social Worker) और सेवाग्राही (Client) मिलकर काम करते हैं।
व्यक्तिगत समाज कार्य के मूलभूत तत्व (4 P’s)
केस वर्क की सफलता चार मुख्य तत्वों पर निर्भर करती है, जिन्हें अक्सर '4 P's' के रूप में जाना जाता है:
* व्यक्ति (Person): सेवाग्राही को उसकी अद्वितीय विशेषताओं, क्षमताओं और सीमाओं के साथ समझना।
* समस्या (Problem): समस्या की प्रकृति, उसकी उत्पत्ति और सेवाग्राही के जीवन पर उसके प्रभाव का गहन विश्लेषण करना।
* स्थान (Place): वह संस्था या एजेंसी जिसके माध्यम से सहायता दी जा रही है। संस्था का माहौल और नीतियाँ सहायता की प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं।
* प्रक्रिया (Process): वह व्यवस्थित तरीका जिसके द्वारा सेवाग्राही और सामाजिक कार्यकर्ता मिलकर समस्या का समाधान करते हैं (जैसे अध्ययन, निदान, उपचार)।
केस वर्क का लक्ष्य
केस वर्क का अंतिम लक्ष्य केवल तात्कालिक सहायता प्रदान करना नहीं, बल्कि सेवाग्राही को इतना सशक्त (Empower) बनाना है कि वह भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना आत्मविश्वास से कर सके। यह व्यक्तिगत विकास और मानसिक स्वास्थ्य पर जोर देता है।
2. सामुदायिक समाज कार्य (Community Social Work): सामूहिक शक्ति का निर्माण..
सामुदायिक समाज कार्य या सामुदायिक संगठन (Community Organization), समाज कार्य का एक व्यापक (Macro) उपागम है। यह किसी एक व्यक्ति की समस्या पर नहीं, बल्कि एक भौगोलिक क्षेत्र या समान हित समूह (जैसे झुग्गी-झोंपड़ी निवासी, महिला समूह, या श्रमिक संघ) के सामने आने वाली साझा समस्याओं पर केंद्रित होता है।
सामुदायिक समाज कार्य क्या है?
इसका मुख्य जोर समुदाय के लोगों को संगठित करने, उनकी सामूहिक जरूरतों की पहचान करने, और परिवर्तन लाने के लिए उनमें सामूहिक कार्रवाई (Collective Action) की भावना विकसित करने पर है। सामुदायिक कार्यकर्ता बाहरी हस्तक्षेपकर्ता के रूप में कार्य नहीं करता, बल्कि एक सुविधाप्रदाता (Facilitator) और उत्प्रेरक (Catalyst) के रूप में समुदाय को आत्म-निर्भर बनने में मदद करता है।
सामुदायिक कार्य के मुख्य मॉडल...
सामुदायिक कार्य मुख्य रूप से तीन मॉडलों पर काम करता है:
* स्थानीय विकास मॉडल (Locality Development Model): इसका उद्देश्य समुदाय की समस्याओं को हल करने के लिए व्यापक भागीदारी और आम सहमति (Consensus) बनाना है। जैसे: मोहल्ले में साफ-सफाई या पुस्तकालय खोलने के लिए सभी निवासियों को एकजुट करना।
* सामाजिक योजना मॉडल (Social Planning Model): इसका उपयोग किसी विशिष्ट सामाजिक समस्या (जैसे बाल श्रम या नशीली दवाओं का दुरुपयोग) को हल करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता और डेटा-आधारित रणनीति विकसित करने हेतु किया जाता है।
* सामाजिक क्रिया मॉडल (Social Action Model): यह शक्तिहीन और वंचित समूहों को संगठित करता है ताकि वे सामाजिक अन्याय और असमानता के खिलाफ आवाज़ उठा सकें और शक्ति संरचनाओं को चुनौती दे सकें।
सामुदायिक कार्य का लक्ष्य
सामुदायिक समाज कार्य का लक्ष्य सामाजिक परिवर्तन (Social Change) लाना, लोकतांत्रिक भागीदारी को मजबूत करना, और यह सुनिश्चित करना है कि समुदाय के पास अपनी नियति को नियंत्रित करने की शक्ति हो।
समाज कार्य की समग्रता: एक दूसरे के पूरक..
व्यक्तिगत और सामुदायिक समाज कार्य विपरीत नहीं, बल्कि एक दूसरे के पूरक हैं। वे एक ही लक्ष्य—सामाजिक कल्याण—की ओर बढ़ने के लिए अलग-अलग रास्ते अपनाते हैं।
* समुदाय के लिए डेटा: केस वर्क के दौरान जुटाए गए व्यक्तिगत अनुभव और डेटा (जैसे कि किसी क्षेत्र में कितने लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है) सामुदायिक कार्यकर्ताओं को यह तय करने में मदद करते हैं कि किस सामाजिक समस्या को प्राथमिकता देनी है।
* व्यक्ति के लिए संसाधन: जब सामुदायिक कार्यकर्ता सफलतापूर्वक किसी सामाजिक योजना को लागू करते हैं (जैसे क्षेत्र में एक नया क्लिनिक स्थापित करना), तो यह व्यक्तिगत समाज कार्यकर्ताओं को उनके सेवाग्राहियों (जैसे किसी गरीब मरीज़) को बेहतर संसाधन प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
उदाहरण के लिए, एक सामाजिक कार्यकर्ता एक गरीब परिवार को भोजन उपलब्ध कराने के लिए केस वर्क का उपयोग करता है (तत्काल सहायता)। इसके साथ ही, वह पूरे मोहल्ले को संगठित करता है ताकि वे सरकार पर सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली में सुधार के लिए दबाव डाल सकें (सामुदायिक कार्य)।
निष्कर्ष..
समाज कार्य व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने और समाज में न्याय स्थापित करने का एक नोबल पेशा है। व्यक्तिगत समाज कार्य उस व्यक्ति पर प्रकाश डालता है जो अंधेरे में है, उसे मानसिक और भावनात्मक बल देता है। वहीं, सामुदायिक समाज कार्य पूरे समाज को संगठित करके उस अंधकार को ही दूर करने के लिए सामूहिक प्रयास करता है। एक आधुनिक सामाजिक कार्यकर्ता को इन दोनों आयामों के बीच के तालमेल को समझना और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करना आना चाहिए, क्योंकि एक स्वस्थ समाज का निर्माण व्यक्ति और उसके परिवेश दोनों के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
सवाल:
आपके विचार से, किसी बड़े शहर की झुग्गी-झोंपड़ी (Slum) में रहने वाले एक बेरोजगार युवा की समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए, क्या व्यक्तिगत समाज कार्य (Personal Counselling) अधिक प्रभावी होगा, या सामुदायिक समाज कार्य (सामूहिक रोज़गार प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए समुदाय को संगठित करना)? और क्यों?
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