Friday, 26 September 2025

साक्षात्कार की अवधारणा: उद्देश्यपूर्ण संवाद की कला और विज्ञान...


साक्षात्कार (Interview) मानव संपर्क और सूचना संग्रह का एक मौलिक उपकरण है, जो सामाजिक, व्यावसायिक और शैक्षणिक दुनिया के लगभग हर कोने में अनिवार्य है। यह सिर्फ एक साधारण बातचीत नहीं है, बल्कि एक व्यवस्थित, उद्देश्यपूर्ण संवाद है जिसका लक्ष्य किसी विशेष विषय, व्यक्ति के अनुभव, या उम्मीदवार की योग्यता के बारे में गहरी, तथ्यात्मक या भावनात्मक जानकारी प्राप्त करना होता है। साक्षात्कार को एक कला और विज्ञान दोनों माना जाता है, क्योंकि इसमें कुशल मानवीय अंतःक्रिया (Human Interaction) और वैज्ञानिक पद्धति का मिश्रण होता है।

साक्षात्कार की परिभाषा (Definition of Interview)..

साक्षात्कार की परिभाषा विभिन्न संदर्भों और उद्देश्यों के आधार पर दी गई है, लेकिन इसका मूल सार आमने-सामने (या वर्चुअल) संवाद में निहित है, जो किसी विशिष्ट लक्ष्य को पूरा करने के लिए आयोजित किया जाता है।

सामान्य और सरल परिभाषा:

साक्षात्कार दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए की गई आमने-सामने की बातचीत या संवादोचित आदान-प्रदान है।

प्रमुख विद्वानों द्वारा परिभाषाएँ:

 * गुड और हैट (Goode & Hatt) के अनुसार:
   "साक्षात्कार मूल रूप से सामाजिक अंतःक्रिया की एक प्रक्रिया है। यह एक व्यवस्थित पद्धति है जिसके द्वारा एक व्यक्ति (साक्षात्कारकर्ता) किसी दूसरे व्यक्ति (उत्तरदाता) के आंतरिक जीवन में कम या अधिक रूप से प्रवेश करता है, जो कि उसके लिए तुलनात्मक रूप से एक अजनबी होता है।"
 * डेजिन (Denzen) के अनुसार:
   "साक्षात्कार आमने-सामने किया गया एक संवादोचित आदान-प्रदान है जहाँ एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से कुछ सूचनाएँ प्राप्त करता है।"
 * वैयक्तिक समाज कार्य के संदर्भ में:
   साक्षात्कार गतिशील व्यक्तित्वों का एक पारस्परिक अनुक्रिया है, जो एक दूसरे के प्रश्नोत्तर और भाव-भंगिमाओं, चेहरे के भाव, तौर-तरीकों और पोशाक के प्रति लगातार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।
इन परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि साक्षात्कार केवल प्रश्न पूछना और उत्तर प्राप्त करना नहीं है, बल्कि एक मानवीय संबंध स्थापित करने और मौखिक तथा गैर-मौखिक संप्रेषण (Verbal and Non-verbal Communication) दोनों के माध्यम से अर्थ और अनुभव को साझा करने की प्रक्रिया है।

साक्षात्कार की अवधारणा (Concept of Interview)

साक्षात्कार की अवधारणा इसकी उद्देश्यपूर्णता और द्वि-मार्गी प्रक्रिया होने पर टिकी है। इसे समझने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करना आवश्यक है:

1. उद्देश्यपूर्णता (Purposefulness)
साक्षात्कार को साधारण बातचीत से अलग करने वाला सबसे महत्वपूर्ण तत्व इसका निश्चित उद्देश्य है। यह किसी उम्मीदवार की योग्यता का आकलन करना हो सकता है (जैसे नौकरी के लिए), किसी सामाजिक समस्या के बारे में डेटा एकत्र करना हो सकता है (जैसे अनुसंधान में), या किसी सेवार्थी की मनो-सामाजिक समस्याओं को समझना हो सकता है (जैसे समाज कार्य में)। उद्देश्य के बिना, यह केवल गपशप है।
2. प्रत्यक्ष संपर्क और अंतःक्रिया (Direct Contact & Interaction)
साक्षात्कार में आमने-सामने का संपर्क (चाहे भौतिक या आभासी माध्यम से) शामिल होता है, जो पारस्परिक अंतःक्रिया को बढ़ावा देता है। यह अंतःक्रिया केवल शब्दों तक सीमित नहीं होती, बल्कि इसमें शारीरिक चेष्टाएँ, मुख-मुद्राएँ (Facial Expressions), और स्वर का उतार-चढ़ाव भी शामिल होता है, जो प्राप्त सूचनाओं को अधिक सत्यपूर्ण और संदर्भ-युक्त (Contextualized) बनाते हैं।
3. गतिशीलता और लचीलापन (Dynamism and Flexibility)
एक अच्छा साक्षात्कार एक जीवंत सामाजिक स्थिति होता है। साक्षात्कारकर्ता प्रश्नों के क्रम, उनकी भाषा, और यहाँ तक कि विषय-वस्तु को भी उत्तरदाता की प्रतिक्रियाओं के अनुसार समायोजित (Adjust) कर सकता है। यह लचीलापन इसे प्रश्नावली (Questionnaire) जैसी विधियों से अधिक आत्मनिष्ठ (Subjective) और गहन बनाता है।
4. सूचनाओं का गहन संग्रह (In-depth Data Collection)
साक्षात्कार के माध्यम से सतही सूचनाओं के बजाय व्यक्ति के व्यक्तिगत अनुभव, भावनाएँ, दृष्टिकोण, और प्रेरणाएँ जैसी गहन जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जिन्हें लिखित माध्यम से व्यक्त करना कठिन होता है। उदाहरण के लिए, समाज कार्य में, साक्षात्कार से सेवार्थी के आंतरिक संघर्षों और जीवन के प्रति उसके नजरिए को समझा जाता है।
साक्षात्कार के प्रमुख प्रकार (Main Types of Interview)

साक्षात्कार का प्रकार उसके उद्देश्य और संरचित होने की डिग्री पर निर्भर करता है:..

1. संरचित साक्षात्कार (Structured Interview)
 * इसमें पूर्व-निर्धारित प्रश्नों की एक सूची (अनुसूची) होती है और सभी उम्मीदवारों/उत्तरदाताओं से समान क्रम में समान प्रश्न पूछे जाते हैं।
 * उद्देश्य: सूचनाओं में मानकीकरण (Standardization) लाना और मात्रात्मक अनुसंधान (Quantitative Research) के लिए डेटा संग्रह करना।
2. असंरचित साक्षात्कार (Unstructured Interview)
 * इसमें प्रश्नों का कोई निश्चित क्रम या रूपरेखा नहीं होती। यह एक खुली और लचीली बातचीत होती है, जो उत्तरदाता के विचारों और भावनाओं का अनुसरण करती है।
 * उद्देश्य: गुणात्मक अनुसंधान (Qualitative Research) या वैयक्तिक समाज कार्य में गहन समझ और नए पहलुओं की खोज करना।
3. अर्ध-संरचित साक्षात्कार (Semi-Structured Interview)
 * यह संरचित और असंरचित दोनों का मिश्रण है। इसमें मुख्य विषयों की एक मार्गदर्शिका होती है, लेकिन साक्षात्कारकर्ता को प्रश्नों के क्रम और गहराई में बदलाव करने की स्वतंत्रता होती है।
 * उद्देश्य: दोनों का संतुलन: आवश्यक जानकारी प्राप्त करना और उत्तरदाता को अपने अनुभवों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का अवसर देना।

समाज कार्य में साक्षात्कार की विशिष्टता..

समाज कार्य में साक्षात्कार एक पेशेवर और चिकित्सीय (Therapeutic) उपकरण होता है। यह केवल जानकारी एकत्र करने का साधन नहीं है, बल्कि सेवार्थी के साथ एक विश्वासपूर्ण संबंध (Rapport) स्थापित करने, उसकी समस्या को समझने (Assessment), और उसे समाधान के लिए प्रेरित करने (Intervention) की नींव है।
 * संबंध निर्माण: समाज कार्य में सफलता के लिए स्वीकृति, गोपनीयता और सहानुभूति पर आधारित एक मजबूत संबंध बनाना सबसे महत्वपूर्ण है।
 * आत्मनिर्णय को बढ़ावा: कार्यकर्ता साक्षात्कार का उपयोग सेवार्थी को उसकी समस्याओं के बारे में सोचने और स्वयं निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने में मदद करने के लिए करता है।
साक्षात्कार, अपने विविध रूपों में, मानव व्यवहार और सामाजिक व्यवस्था की जटिलताओं को समझने की कुंजी है। यह एक ऐसा शक्तिशाली माध्यम है जो केवल तथ्यों को उजागर नहीं करता, बल्कि अर्थ और अनुभव के सह-निर्माण की कहानी लिखता है।

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