Wednesday, 27 August 2025

प्रशिक्षण: सफलता की आधारशिला...

किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए सुनियोजित प्रशिक्षण का होना अत्यंत आवश्यक है। यह केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि किसी भी परियोजना या संगठन की रीढ़ की हड्डी है। प्रशिक्षण वह नींव है जिस पर दक्षता, आत्मविश्वास और सफलता की इमारत खड़ी होती है। बिना सही प्रशिक्षण के, कोई भी प्रयास अधूरा और दिशाहीन हो सकता है। यह एक ऐसा निवेश है जो न केवल व्यक्तियों की क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि पूरे समुदाय और राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्यों है प्रशिक्षण इतना महत्वपूर्ण?
प्रशिक्षण के कई आयाम हैं जो इसे हर कार्य के लिए अनिवार्य बनाते हैं। सबसे पहले, यह ज्ञान और कौशल का हस्तांतरण करता है। जब किसी नए कार्य की शुरुआत होती है, तो यह आवश्यक है कि उसमें लगे कर्मियों के पास उस कार्य को करने के लिए आवश्यक ज्ञान और तकनीकी कौशल हो। प्रशिक्षण उन्हें इन कौशलों से लैस करता है, जिससे वे अपने कार्य को अधिक कुशलता से कर पाते हैं।
दूसरा, प्रशिक्षण आत्मविश्वास और प्रेरणा को बढ़ाता है। जब कोई व्यक्ति अपने काम को अच्छी तरह से करना सीखता है, तो उसका आत्मविश्वास स्वाभाविक रूप से बढ़ता है। यह आत्मविश्वास उसे नई चुनौतियों का सामना करने और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है। एक प्रशिक्षित कर्मी न केवल अपने काम में बेहतर होता है, बल्कि वह अपनी टीम और संगठन के लिए भी एक सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन जाता है।
तीसरा, प्रशिक्षण गलतियों को कम करने में मदद करता है। जब किसी कार्य को बिना प्रशिक्षण के किया जाता है, तो गलतियों की संभावना बहुत बढ़ जाती है। ये गलतियाँ न केवल समय और संसाधनों की बर्बादी करती हैं, बल्कि पूरे काम की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकती हैं। सही प्रशिक्षण के माध्यम से, गलतियों को न्यूनतम किया जा सकता है, जिससे कार्य की गुणवत्ता में सुधार होता है।
चौथा, प्रशिक्षण नवीनता और अनुकूलन को बढ़ावा देता है। आज की तेजी से बदलती दुनिया में, नई तकनीकों और कार्यप्रणाली को अपनाना अनिवार्य है। प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मी इन बदलावों के लिए तैयार होते हैं। वे नई तकनीकों का उपयोग करना सीखते हैं और अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करते हैं, जिससे वे अधिक प्रभावी बन पाते हैं।
बिहार सरकार की जीविका परियोजना: एक उत्कृष्ट उदाहरण
प्रशिक्षण के महत्व को समझने के लिए बिहार सरकार की जीविका (Bihar Rural Livelihoods Promotion Society - JEEViKA) परियोजना एक बेहतरीन उदाहरण है। जीविका का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में, विशेषकर महिलाओं के बीच, गरीबी को कम करना और आजीविका के नए अवसर पैदा करना है। इस परियोजना की सफलता का एक बड़ा श्रेय इसके सुनियोजित और सहभागी प्रशिक्षण कार्यक्रम को जाता है।
जीविका में प्रशिक्षण केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक निरंतर चलने वाली और जीवंत प्रक्रिया है। इसमें विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण दिया जाता है:
 * ग्राम संगठन (Village Organization - VO) और संकुल स्तरीय संघ (Cluster Level Federation - CLF) के पदाधिकारी: इन्हें नेतृत्व क्षमता, वित्तीय प्रबंधन, और परियोजना के लक्ष्यों को समझने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
 * सामुदायिक संसाधन व्यक्ति (Community Resource Person - CRP): ये प्रशिक्षित कर्मी होते हैं जो स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों को उनके कार्यों में मदद करते हैं।
 * स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्य: ये महिलाएं जीविका परियोजना की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
जीविका के प्रशिक्षण कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता उसकी सहभागितापूर्ण विधि (Participatory Method) है। इसमें प्रशिक्षक केवल व्याख्यान नहीं देते, बल्कि समूह के सदस्य भी सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
 * चर्चा और संवाद: सदस्यों को अपने अनुभव साझा करने और समस्याओं पर चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इससे वे एक-दूसरे से सीखते हैं।
 * रोल-प्ले (Role-play): वास्तविक जीवन की स्थितियों का अभिनय करके सदस्यों को व्यावहारिक कौशल सिखाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, बैंक से ऋण लेने या समूह की बैठक आयोजित करने का अभ्यास कराया जाता है।
 * दृश्य-श्रव्य सामग्री (Audio-visual Aids): वीडियो, चित्र और चार्ट का उपयोग किया जाता है ताकि जटिल अवधारणाओं को आसानी से समझा जा सके।
 * समूह कार्य (Group work): सदस्यों को छोटे-छोटे समूहों में विभाजित करके काम कराया जाता है, जिससे टीम वर्क और नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।
इस प्रशिक्षण विधि के कारण, जीविका परियोजना के सदस्यों में जबरदस्त क्षमता वर्धन (Capacity Building) हुआ है। उन्होंने न केवल अपने समूह को सफलतापूर्वक चलाना सीखा है, बल्कि वे बैंकिंग, लेखा-जोखा, और छोटे व्यवसाय शुरू करने जैसे क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भर बन रही हैं। जीविका की प्रशिक्षित महिलाएं अब न केवल अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधार रही हैं, बल्कि वे अपने समुदाय में भी बदलाव ला रही हैं। उन्होंने नेतृत्व संभाला है, सामाजिक मुद्दों पर आवाज उठाई है और कई जगहों पर तो वे सरकारी योजनाओं को लागू करने में भी मदद कर रही हैं।
जीविका की सफलता यह सिद्ध करती है कि प्रशिक्षण सिर्फ एक खर्च नहीं है, बल्कि यह मानव पूंजी में एक अमूल्य निवेश है। यह लोगों को सशक्त बनाता है, उन्हें आत्मनिर्भर बनाता है और उन्हें समाज के सक्रिय और उत्पादक सदस्य के रूप में विकसित करता है। किसी भी कार्य की सफलता के लिए, प्रशिक्षण एक अनिवार्य कदम है जो हर स्तर पर आवश्यक है।

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