Monday, 25 August 2025

🌸 हरितालिका तीज व्रत : आस्था, प्रेम और सौभाग्य का पावन पर्व 🌸

भारत विविधताओं का देश है। यहाँ हर पर्व और त्यौहार अपनी अलग महत्ता और सुंदर परंपरा लिए हुए है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण और लोकप्रिय पर्व है हरितालिका तीज। यह पर्व विशेषकर महिलाओं द्वारा बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह व्रत केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं हरितालिका तीज के बारे में विस्तार से — इसकी कथा, महत्व, परंपराएँ और आधुनिक जीवन में इसका महत्व।

🌿 हरितालिका तीज का परिचय

हरितालिका तीज का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है। इसे हरितालिका नाम इसलिए मिला क्योंकि यह पर्व माता पार्वती द्वारा अपने पति भगवान शिव को पाने के लिए किए गए कठोर तप की स्मृति में मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से उत्तर भारत में—बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और विशेषकर नेपाल में बड़े उत्साह से मनाया जाता है।

🌼 तीज शब्द का अर्थ

‘तीज’ का अर्थ है तृतीया तिथि। वर्ष भर में तीन प्रमुख तीजें मनाई जाती हैं—

1. हरियाली तीज


2. कजली तीज


3. हरितालिका तीज

इनमें हरितालिका तीज को सबसे अधिक पवित्र और कठिन व्रत माना गया है, क्योंकि इसमें महिलाएँ निर्जल व्रत रखती हैं और पूरी रात जागरण करती हैं।

🌸 हरितालिका तीज की कथा

हरितालिका तीज व्रत की कथा माता पार्वती और भगवान शिव से जुड़ी हुई है।

पौराणिक मान्यता है कि हिमवान की पुत्री पार्वती जी बचपन से ही भगवान शिव को पति रूप में पाना चाहती थीं। परंतु उनके पिता ने उनकी शादी भगवान विष्णु से तय कर दी। यह जानकर पार्वती जी दुखी हो गईं और अपनी सखी के साथ घने जंगल में चली गईं। वहाँ उन्होंने कठोर तपस्या की और शिवजी को प्रसन्न किया। उनकी यह तपस्या देखकर भगवान शिव प्रकट हुए और उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया।

चूंकि पार्वती जी अपनी सखी के साथ हरि (हरण) करके वन में गई थीं, इसलिए इस व्रत को हरितालिका कहा गया। यही कारण है कि महिलाएँ इस दिन माता पार्वती के इस तप को स्मरण कर व्रत करती हैं और अपने दांपत्य जीवन की सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना करती हैं।

🌺 व्रत की विधि और पूजन

इस दिन महिलाएँ प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं। फिर शिव-पार्वती की प्रतिमा या मिट्टी की मूर्ति को स्थापित कर पूजन करती हैं।

व्रती महिलाएँ पूरे दिन निराहार और निर्जल रहती हैं।

संध्या के समय सोलह श्रृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है।

रात्रि में कथा सुनकर महिलाएँ पूरी रात जागरण करती हैं और भजन-कीर्तन करती हैं।

अगले दिन प्रातः पूजन के उपरांत व्रत का पारण किया जाता है।

🌸 हरितालिका तीज का महत्व

1. दांपत्य जीवन में सौभाग्य : यह व्रत विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति प्रदान करता है।


2. अविवाहित कन्याओं के लिए : यह व्रत अविवाहित कन्याएँ भी करती हैं ताकि उन्हें अच्छा और योग्य पति प्राप्त हो।


3. आध्यात्मिक दृष्टि से : यह पर्व हमें तप, त्याग और संयम का महत्व समझाता है।


4. सामाजिक दृष्टि से : यह पर्व महिलाओं के आपसी मेल-जोल और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है।

🌼 हरितालिका तीज और श्रृंगार

इस दिन विवाहित महिलाएँ सोलह श्रृंगार करती हैं जिसमें मेहंदी, लाल चूड़ी, सिंदूर, बिंदी, बिछिया, आलता, नथ, गजरा आदि शामिल होते हैं। सोलह श्रृंगार का यह महत्व है कि यह स्त्री के सौंदर्य और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

🌿 तीज के गीत और लोक परंपराएँ

हरितालिका तीज केवल पूजा और व्रत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें लोक संस्कृति की झलक भी मिलती है। महिलाएँ झूला झूलती हैं, तीज के गीत गाती हैं और सामूहिक रूप से पूजा करती हैं। गाँव और कस्बों में यह त्योहार मेलों और उत्सव का रूप भी ले लेता है।

🌸 आधुनिक जीवन में हरितालिका तीज का महत्व

आज के बदलते दौर में भी हरितालिका तीज का महत्व कम नहीं हुआ है। यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि परिवार और समाज को जोड़ने वाला पर्व है।

यह व्रत स्त्री की शक्ति और उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक है।

यह त्योहार हमें बताता है कि सच्चे प्रेम और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

परिवार में आपसी प्रेम और सम्मान का संदेश देता है।

🌺 निष्कर्ष

हरितालिका तीज केवल एक व्रत या उत्सव नहीं बल्कि आस्था, प्रेम और समर्पण की अनूठी अभिव्यक्ति है। यह पर्व हमें माता पार्वती के त्याग और धैर्य की याद दिलाता है और यह सिखाता है कि सच्चे मन से की गई प्रार्थना और साधना कभी व्यर्थ नहीं जाती।

इस पावन अवसर पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि अपने परिवार और समाज में प्रेम, सम्मान और सौहार्द्र बनाए रखेंगे।

✨🌿 हरितालिका तीज व्रत की आप सभी को मंगलमय शुभकामनाएँ! 🌿✨


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