Thursday 19 September 2024

स्त्रियों का अदृश्य योगदान: सम्मान और स्वीकृति की आवश्यकता...


दुनिया के किसी भी बड़े होटल में शायद ही किसी ने किसी औरत को खाना बनाते देखा हो। बड़े शेफ सामान्यतः पुरुष होते हैं। बच्चों की देखभाल के छोटे-छोटे सेंटर जगह-जगह खुल रहे हैं, लेकिन बहुत से पुरुष विभिन्न अवसरों पर औरतों या लड़कियों को मेंहदी लगा रहे हैं। ऐसे ढेर सारे काम हैं जो घरों में औरतें करती आ रही हैं, पर जैसे ही उस काम से पैसे मिलने शुरू होते हैं, औरत पीछे छूट जाती है।

जब कभी सदियों से किसी औरत के द्वारा किए जाने वाले काम के साथ पैसा जुड़ता है, तो आदमी औरत को रिप्लेस कर देता है। भारत में भी 1962 तक औरतों द्वारा घर में किए गए काम को देश की GDP में गिना जाता था। सच तो यह है कि औरतों द्वारा किया जाने वाला घर का काम किसी ऑफिस की जॉब से ज्यादा कठिन होता है। किसी बिजनेसमैन की तरह ही व्यस्तता होती है। साल के 365 दिनों में से किसी भी दिन छुट्टी नहीं।

सच यही है कि एक हाउसवाइफ का काम बहुत कठिन और जिम्मेदारी भरा होता है। स्त्री घर पर है, तभी आप बाहर काम कर पाते हैं। अपना नज़रिया बदल लीजिए। हाउसवाइफ का सम्मान कीजिए। उनकी कीमत उनके न होने पर पता लगती है। दुनिया के सभी धर्मों ने औरत के खिलाफ ही नियम कानून और धार्मिक कर्म निर्धारित किए हैं। किसी ने ज्यादा, किसी ने कम।

आदमी और बाजार ने औरत को केवल कम कपड़े पहनकर शरीर दिखाने भर की स्वतंत्रता दी है, तो किसी ने औरत को ढकने के नाम पर पूरी तरह से उनको कैद करके रख दिया है। किसी ने भी उनको नेचुरल नहीं रहने दिया है। वह इंसान नहीं वस्तु के रूप में ट्रीट होने लगती है। औरत की कोख से जन्म लेने वाला आदमी खुद औरत की नियति का निर्धारण कैसे कर सकता है?

यह नाक, कान छिदवाना, कान की बाली, गले का हार, नाक में रिंग आदि आभूषण वास्तव में एक लड़की को प्रचलित अर्थों में औरत के रूप में ढालने के औजार हैं और कुछ नहीं। ये औरत को कमजोर बनाते हैं। अपनी बच्चियों से कहिए कि वे आभूषणों के साथ कॉपी और पेन मांगे। भारत का संविधान मांगे। उसे जानें, उसे पढ़ें। अच्छा साहित्य पढ़ें। अच्छी किताबें पढ़ें। अपनी सूझबूझ के साथ भारत की छवि को और निखारें।

महिलाओं के उद्योग में समृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। यहाँ कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं:

1. **शिक्षा और कौशल विकास**: महिलाओं को उच्च शिक्षा और विशेषकर एसटीईएम (विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, और गणित) क्षेत्रों में प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके अलावा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी बढ़ानी चाहिए³.

2. **वित्तीय सहायता और ऋण**: महिलाओं के लिए विशेष वित्तीय योजनाएं और ऋण सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए, ताकि वे अपने व्यवसाय शुरू कर सकें। मुद्रा योजना जैसी सरकारी योजनाएं इस दिशा में सहायक हो सकती हैं¹.

3. **नेटवर्किंग और मेंटरशिप**: महिलाओं के लिए नेटवर्किंग और मेंटरशिप कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए, जिससे वे अपने उद्योग में सफल उद्यमियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें².

4. **नीतिगत समर्थन**: सरकार को महिलाओं के उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत समर्थन प्रदान करना चाहिए। इसमें कर में छूट, आसान ऋण की सुविधा, और महिलाओं के लिए विशेष उद्यमिता कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं⁴.

5. **सामाजिक और सांस्कृतिक समर्थन**: समाज को महिलाओं के उद्यमिता को स्वीकार करना और प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए जा सकते हैं, जिससे महिलाओं के योगदान को पहचाना जा सके¹.

6. **तकनीकी सहायता**: महिलाओं को तकनीकी सहायता प्रदान की जानी चाहिए, जिससे वे अपने व्यवसाय को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ला सकें और ऑनलाइन मार्केटिंग का लाभ उठा सकें².

7. **सुरक्षा और कार्यस्थल की सुविधा**: महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक कार्यस्थल का निर्माण करना चाहिए, जिससे वे बिना किसी डर के अपने व्यवसाय में योगदान दे सकें।
महिलाओं के व्यवसाय में प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। यहाँ कुछ प्रमुख योजनाएं दी जा रही हैं:

1. **प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)**: इस योजना के तहत महिलाएं बिना किसी गारंटी के ऋण प्राप्त कर सकती हैं। इसमें तीन श्रेणियाँ हैं - शिशु (50,000 रुपये तक), किशोर (50,000 से 5 लाख रुपये तक), और तरुण (5 लाख से 10 लाख रुपये तक) ¹.

2. **अन्नपूर्णा योजना**: इस योजना के तहत महिलाओं को खाद्य व्यवसाय शुरू करने के लिए 50,000 रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। इस राशि का उपयोग उपकरण और अन्य आवश्यक वस्त्र खरीदने के लिए किया जा सकता है ¹.

3. **स्त्री शक्ति योजना**: इस योजना के तहत महिलाओं को 2 लाख रुपये से अधिक के ऋण पर 0.05% का ब्याज रिबेट मिलता है। यह योजना उन महिलाओं के लिए है जिनका किसी जॉइंट बिजनेस में अधिकांश स्वामित्व है ¹.

4. **स्टैंड अप इंडिया योजना**: यह योजना विशेष रूप से महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों के लिए है। इसके तहत 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है, जो पहली बार व्यवसाय शुरू करने वाली महिलाओं के लिए है ¹.

5. **महिला उद्यम निधि योजना**: इस योजना के तहत महिलाओं को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसमें विभिन्न प्रकार के ऋण और अनुदान शामिल हैं ³.

6. **महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रम (STEP)**: इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे वे स्व-रोजगार या उद्यमी बन सकें ³.

इन योजनाओं के माध्यम से, सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। क्या आप इनमें से किसी विशेष योजना के बारे में और जानकारी चाहते हैं?

(1) महिलाओं के लिए सरकार की पांच योजनाएं: अपना कारोबार शुरू करें, आसान .... https://hindi.news18.com/news/business/women-entrepreneurs-please-note-indian-govt-schemes-lesser-loan-rate-more-facilities-easy-conditions-8088611.html.
(2) Women Entrepreneurs: महिला उद्यमियों को समर्थन देने वाली 10 सरकारी योजनाएं. https://bing.com/search?q
(3) महिलाओं के लिए मोदी सरकार की 10 योजनाएं I 10 Indian Government Schemes .... https://investmentsikho.com/ndian-government-schemes-for-women-empowerment/.
(4) ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकारी योजनाएं. https://thecsrjournal.in/womens-day-schemes-for-empowerment-of-rural-women-hindi/.
(5) महिला सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की योजनाएँ | SamanyaGyan. https://www.samanyagyan.com/hindi/gk-welfare-schemes-for-women-in-india.
(6) भारत सरकार द्वारा महिला उद्यमियों के लिए लागू की गयी योजनाएं. https://www.thinkwithniche.in/blogs/details/schemes-implemented-by-the-government-of-india-for-women-entrepreneurs.
(7) कौशल निर्माण और उत्पादक रोजगार तक महिलाओं की पहुँच को बढ़ाना. https://www.ideasforindia.in/topics/productivity-innovation/bring-skilling-and-productive-employment-closer-to-women-hindi.html.


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