मेरे प्रिय मित्रो दिनांक 16 मई 2021 दिन रविवार को मैं 24 घंटे का डिजीटल उपवास किया इसे करने के बाद मुझे मानशिक रूप से काफी बेहतर महसूस किया । मैं वर्ष 2019 इस विषय पर कार्य करने के लिए सोच रहा था परंतु इस विषय पर कार्य नही कर पा रहा था । हम सभी को मानसिक शांति के लिए धार्मिक उपवास की तर्ज पर डिजिटल उपवास भी जरूरी है। कोरोना काल में इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ा है। मुझे एवं लोगों को लग रही सोशल मीडिया और टेलीविज़न देखनें की लत पारिवारिक और सामाजिक ताने-बाने के लिए घातक है। सोशल मीडिया पर लाइक और कमेंट्स तथा बकवास कंटेंट ,वीडियो लोगों को तनावग्रस्त भी कर रहा हैं। इससे बचने के लिए अब सप्ताह में एक दिन डिजिटल उपवास भी जरूरी हो गया है। सप्ताह में कम से कम एक दिन अपने फोन, टेबलेट कंप्यूटर,टेलीविजन और लैपटॉप जैसी चीजों से दूरी बनाने की जरूरत है। जिससे कि मन और तन को पॉजिटिव इम्युनिटी मिल सके ।आज के डिजिटल युग मे इसका साथ छोड़ा नही जा सकता है परन्तु प्रत्येक महीने या सप्ताह में 24 घंटे (1दिन ) डिजीटल उपवास को तो किया जा सकता है । ॐ शांति
यदी आप समाज में बदलाव चाहते है तो इसकी शुरूआत आप को अपने परिवार से और अपने आप से ईमानदारी पूर्वक करना होगा।
Sunday 16 May 2021
डिजीटल उपवास का शारीरिक एवं मानसिक लाभ ।
स्थान: करपी
मुजफ्फरपुर, बिहार, भारत
मै घुमकड़ प्रवृति का इन्सान हूँ मुझे धार्मिक ,एतिहासिक ,प्राकृतिक स्थलों पर जाना और यात्रा के बारे में ,समाजिक विषय ,पर्सनाल्टी ,हेल्थ ,एजुकेशन पर लिखना पसंद है.जब भी मेरा मन परेशान होता है तब मै इन स्थलों पर जाना पसंद करता हूँ इससे मुझे मानशिक शांति मिलता है .यात्रा का अपना एक समाजिक सरोकार भी है। आप नई जगह से वाकिफ होते हैं, नए लोगों से मिलते हैं और खास बात ये है कि आप किसी यात्रा पर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से दूर होते हैं। यात्रा शरीर और मन को ताजगी देने का एक माध्यम है। यात्रा चाहे धार्मिक हो या मौज मस्ती के लिए की गई हो, समुद्र या फिर रेगिस्तान की, किसी भी तरह की यात्रा का एक अनूठा ही एहसास है। पहले जमाने में जब कोई व्यक्ति यात्रा के लिए जाता था, तो सूचनाओं के अभाव की वजह से रास्तों व जगहों के बारे में ज्यादा जानकारी बटोरना बेहद मुश्किल था। लेकिन आज इंटरनेट के आने के बाद आप कहीं भी घूमना चाहें तो उसकी पूरी जानकारी आपके कंप्यूटर ,लैपटॉप ,टेबलेट ,स्मार्ट फ़ोन से घर बैठे ले सकते है । यात्रा स्थल और होटल के बारे में सभी सहूलियतें आपको इंटरनेट से मिल जाती हैं। साथ ही विभिन्न वेबसाइट,फेसबुक ,सोशल साईट और ब्लॉग्स के जरिए आप अपनी यात्रा का अनुभव दूसरे लोगों से बांट सकते हैं इससे आप की स्किल बेहतर होगा.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment