Monday 4 May 2020

शमशान से पवित्र स्थल धरती पर कोई नहीं ..

        शमशान वह स्थान है जहां मुर्दे जलाए जाते लेकिन यहाँ सिर्फ मुर्दे जलाने का काम नहीं होता  यहां पर बहुत सारी चीजों के बारे में ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है क्योंकि श्मशान एक इस तरह जगह है जहां पर मन एकाग्र हो जाता है यहां पर आकर सांसारिक नियम वस्तु  सब बेकार लगने लगती है क्योंकि श्मशान इंसानों को जगता  है लेकिन इंसान शमशान के नाम से इतना भयभीत रहता है की इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है क्योंकि जिनको श्मशान का रहस्य पता नही है उन् लोगों में श्मशान के प्रति गलत धारणा पैदा कर दी ताकि वे संसार में ही बन्ध जाए   जब कभी किसी की मृत्यु हो जाती है तब उसे जलाने श्मशान में ही ले जाते हैं खासकर हिंदू धर्मावलंबियों को  जैसे ही  व्यक्ति शमशान से निकलता है फिर संसार से उलझ जाते हैं यही तो महामाया की माया है श्मशान में जीवन का अंत नहीं है बल्कि जीवन को समझने का एक बहुत ही पवित्र स्थल है जहां पर जाकर व्यक्ति जीवन की सच्चाई को पूरी तरीके से जानता है और अपने ऊपर हावी काम क्रोध मोह माया लालच ईर्ष्या द्वेष अपने मन से मिटाने का प्रयास करता है शमशान  जीवन का अंत नहीं बल्कि यहाँ  तो जीवन की शुरुआत होती है इसलिए यह स्थल  शिव को भी अत्यंत प्रिय है शमशान में साधना इसी कारण की जाती है की श्मशान में की गई साधना में हमारा मन एकाग्र होता है भटकता नहीं है और हम माया से दूर रहते हैं जिससे कि साधना में सीधीं प्राप्ति हो सके इसलिए ही अघोरी साधु और सच्चा साधु श्मशान में ही साधना करने का स्थल का चयन करता है क्योंकि वहां पर ही सत्य की प्राप्ति हो सकता है श्मशान में सिर्फ मुर्दे जलाने का काम ही नहीं होता अभी लोगों को श्मशान के बारे में नहीं पता शमशान से पवित्र मंदिर कोई नहीं है जहां पर आकर इंसान महामाया की माया से दूर हो जाता है जहां पर स्वयं भगवान शिव संग मां काली और भैरव जी विराजमान होते हैं सोचने वाली बात है यह स्थान कैसा होगा कितना शक्तिशाली होगा यहीं पर आकर इंसान संसारिक उलझन से  दूर हो जाता है सांसारिक नियम वस्तुएं सब बेकार लगने लगती है क्योंकि श्मशान इंसानों को सत्य दिखाता है | इंसान शमशान के नाम से ही भयभीत हो जाता है यह सही  नहीं है | लोगों में यह धारणा बैठी हुई है कि श्रीमद्भागवत गीता का अध्यन और श्मशान घाट पर जाना व्यक्ति दुनिया परिवार के मोह माया त्याग कर परिवार को छोड़कर चला जाता है लेकिन यह सच नहीं है बल्कि श्मशान और श्रीमद्भागवत गीता पढ़ने वाला व्यक्ति सत्य की राह पर चलता है और वह गलत कार्यों से दूर रहता है | हिंदू धर्म में देखा गया है की मरने के पहले व्यक्ति को श्रीमद्भागवत गीता का पाठ सुनाया जाता है ऐसी धारणा बनी हुई है कि वह व्यक्ति मरने के बाद स्वर्ग प्राप्ति करेगा परंतु | श्रीमद्भागवत गीता का पाठ और श्मशान घाट पर जाना हमेशा  जीवन में  जरूरी होना चाहिए | इससे  जीवन को बेहतर तरीके जीने में मदद मिलता है और  गलत कार्यों से दूर रहता है.
शमशान घाट अधिकतर कोई नदी के किनारे होता है .|

पशुपतिनाथ (नेपाल) का समसान घाट 













पशुपति नाथ का समसान ,नेपाल 

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