यदी आप समाज में बदलाव चाहते है तो इसकी शुरूआत आप को अपने परिवार से और अपने आप से ईमानदारी पूर्वक करना होगा।
Saturday 23 May 2020
1 अद्भुत विद्यालय गया जिला में..
गया जिले के नक्सआल प्रभावित निमचकबथानी प्रखण्ड के झरना सरेन गांव में अनोखे विघालय गौतम शिक्षण संस्थाान की अनूठी पहल इश्वार एक है हम सब एक है संदेश दे रही है गया जिले से लगभग 55 कि मी की दुरी पर जो की सामाजिक एंव आर्थिक रूप से पिछडा गांव झरना सरेन गांव में स्थापित इस विघालय में अलग अलग कक्षा में पढने वाले सौ बच्चो की वेशभूषा ही नही बल्कि लम्बाई एंव लिखावट भी एक समान है। बच्चो की लेखनी एक समान होने के पीछे संस्था के शिक्षक चद्रमौली प्रसाद की अहम भूमिका है । श्री प्रसाद बताते है की वे अपने तरीके से बच्चों के दिमाग को पढते है। उससे एकाग्र करते है। फिर स्लेट पर लिखने का अभ्यांस कराते है जब बच्चे स्लेट पर अच्छी तरह लिखना प्रारम्भ कर देते है तो फिर उन्हे कांपी दी जाती है। सभी बच्चो की हस्तनलिपि समान कराने में एक साल का समय लग जाता है। इसके पीछे इनका उदेश्य समाज को विभिन्नता में समानता एवं अनेका में एकता का संदेश देना है। इस संस्थान में पढने के कुछ नियम है नामांकन के लिए बच्चे की लम्बा्ई साढे तीन से चार फीट होनी चाहिए। इससे अधिक लंबाई वाले बच्चोे का नामांकन नही हो सकता। एक पिता के एक ही बेटा या बेटी को पढा सकते है। यहां बच्चो की पहली कक्षा से ही ग्रेड देने का नियम है। यहां बच्चेा आसपास के अतिरिक्त औरंगाबाद नवादा नालंदा और जहानाबाद जिले के है। 35 बच्चे के लिए छात्रावास की सुविधा है बाकी बच्चे अपने धर से आते जाते है । इस संस्थान को चलाने में 2 शिक्षक एंव 1 शिक्षिका कार्यरत है। जो अपने तन मन से इस कार्य में लगे हुए है। इस संस्था को देखने के लिए कई लोग आ चुके है। यह संस्था में गुरूकुल के तरह बच्चे पढते है। और अपना भविष्य को गढते है। यहां के बच्चोे को ए ग्रेड से ई ग्रेड तक पढाया जाता है बच्चे का उम्र 5 साल से 9 साल तक होती है यहां के बच्चे वर्ग दसम तक के गणित बनाते है मुख्य रूप से यहां पर अग्रेजी गणित एंव हिन्दी की पढायी करायी जाती है यहां के शिक्षक के अनुशार बच्चो को इस तरह की शिक्षा दी जाती है की आगे चल कर बच्चां अभियन्ता बन सके । यदी आप को भी कभी मौका मिले तो एक बार इस संस्था को जरूर देखे।
मै घुमकड़ प्रवृति का इन्सान हूँ मुझे धार्मिक ,एतिहासिक ,प्राकृतिक स्थलों पर जाना और यात्रा के बारे में ,समाजिक विषय ,पर्सनाल्टी ,हेल्थ ,एजुकेशन पर लिखना पसंद है.जब भी मेरा मन परेशान होता है तब मै इन स्थलों पर जाना पसंद करता हूँ इससे मुझे मानशिक शांति मिलता है .यात्रा का अपना एक समाजिक सरोकार भी है। आप नई जगह से वाकिफ होते हैं, नए लोगों से मिलते हैं और खास बात ये है कि आप किसी यात्रा पर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से दूर होते हैं। यात्रा शरीर और मन को ताजगी देने का एक माध्यम है। यात्रा चाहे धार्मिक हो या मौज मस्ती के लिए की गई हो, समुद्र या फिर रेगिस्तान की, किसी भी तरह की यात्रा का एक अनूठा ही एहसास है। पहले जमाने में जब कोई व्यक्ति यात्रा के लिए जाता था, तो सूचनाओं के अभाव की वजह से रास्तों व जगहों के बारे में ज्यादा जानकारी बटोरना बेहद मुश्किल था। लेकिन आज इंटरनेट के आने के बाद आप कहीं भी घूमना चाहें तो उसकी पूरी जानकारी आपके कंप्यूटर ,लैपटॉप ,टेबलेट ,स्मार्ट फ़ोन से घर बैठे ले सकते है । यात्रा स्थल और होटल के बारे में सभी सहूलियतें आपको इंटरनेट से मिल जाती हैं। साथ ही विभिन्न वेबसाइट,फेसबुक ,सोशल साईट और ब्लॉग्स के जरिए आप अपनी यात्रा का अनुभव दूसरे लोगों से बांट सकते हैं इससे आप की स्किल बेहतर होगा.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment