Friday 5 June 2020

पर्यावरण संरक्षण से जीवन संरक्षण..

     5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस एवं कबीर जयंती के रूप में मनाया जाता है आज के समय में पर्यावरण के हालात बेहद ही खराब हो चुका है | करोना के कारण पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद मिला है लॉक डाउन के दौरान  देखने को मिला कि हिमालय पर्वतमाला के श्रृंखला सैकड़ों किलोमीटर दूरी उसे दिख रहा था एवं तापमान भी संतुलन में था पर्यावरण को दूषित करने में सबसे बड़ा जो कारण है वह बढ़ती हुई जनसंख्या एवं विलासिता पूर्ण जीवनशैली जिसके कारण से वायु , जल जो जीवन जीने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है यह चीज सबसे ज्यादा प्रदूषित हुआ है अक्सर यह देखा गया है कि जो वस्तु फ्री में एवं बिना मेहनत किए हुए मिल जाता है लोगों से सम्मान और इज्जत नहीं देते हैं इसमें हवा एवं जल भी है जो प्राकृतिक द्वारा हमें मुफ्त में दिया गया है परंतु इसका सम्मान और सदुपयोग करना लोग भूल गए हैं जब हम पानी को खरीद करके पीते हैं तो उसे सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं क्योंकि उसमें अपना मेहनत का पैसा लगा हुआ रहता है शायद जो स्थिति अभी बनी हुई है वह समय भी जल्द आएगा कि वायु भी छोटे छोटे सिलेंडर में भरकर के बिकेगा और लोग उसे खरीदेंगे पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए क्या करें और क्या ना करें इसकी जानकारी आज के समय में सभी को है मगर उसका पालन करना ज्यादा जरूरी है जैसे कि वृक्षों की कटाई ना करना वृक्ष का बढ़ावा देना एवं जनसंख्या को नियंत्रण करना और मोटर साईकिल के स्थान साईकिल का उपयोग करना   हत्वपूर्ण चीजें है|  अक्सर यह देखा जाता है कि जब कोई दिवस आता है तो लोग उस दिवस को मनाते हैं और फिर बाकी दिन भूल जाते हैं यह पर्यावरण का सवाल है यह कोई 5 जून को ही सिर्फ नहीं मनाना है इसे अपने जीवन शैली में शामिल करना है जिससे कि पर्यावरण प्रदूषण होने से बचें और पृथ्वी पर रह रहे मानव जीव जंतु पशु पक्षी अपने जीवन को स्वच्छ तरीके से व्यतीत करें |
     विश्व में पर्यावरण संरक्षण तभी संभव है जब प्रकृति और मानव प्रवृति का तारतम्य बनता है। विश्व धरातल पर मानव निर्मित पर्यावरण के प्रभाव से प्राकृतिक पर्यावरण का संतुलन नष्ट किया जा रहा है। तकनीक मानव द्वारा आर्थिक उद्देश्यों तथा विलासिता के लक्ष्यों की प्राप्ति की कामना के लिए प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ का क्रियाकलापों की प्रवृति ने प्राकृतिक पर्यावरण का संतुलन नष्ट किया जा रहा है इस पर विचार किया जाना अत्यावश्यक है। संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और सामाजिक जागृति के लिए 05 जून 1972 ई. में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्वीडन में पर्यावरण संरक्षण और विश्व पर्यावरण दिवस पर 119 देशों द्वारा बहुमूल्य विचार दिया गया है।  05 जून 1974 में प्रथम बार विश्व पर्यावरण दिवस अमेरिका एवं 143 देशों में मनाई तथा संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यावरण दिवस, इको डे, एन्वाइरन्मेंट डे और इब्लू ई पी के रूप में मनाया गया है। पर्यावरण असंतुलन से प्रकृति की आपदाओं से मानव भूकंप, महामारी, भूस्खलन, चक्रवात, बाढ़, सुखाड़ और ज्वालामुखी उदगार जूझ रहा है। यह संकट मानव जनित है। जल, मृदा, वायु, ध्वनि प्रदूषण , कीटनाशक, युद्ध तेल का रिसाव और नाभिकीय आपदाएं तथा मानव की प्रवृति आर्थिक एवं विलासिता के उत्पन्न होने के कारण और जवाबदेही के अभाव ज्ञानात्मक तथा असंबदिता का परिणाम से पर्यावरण असंतुलित हो गया है। भारतीय संस्कृति में वेदों,पुराणों, उपनिषदों और ऋषियों ने प्रकृति , जल, भूमि, वृक्ष, अग्नि, सूर्य, चन्द्र, वायु, पौधों की संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भूकंप, ज्वालामुखी, भू स्खलन, सुनामी और हिमस्खलन भूगर्भिक वर्ग तथा चक्रवात, सूखा, बाढ़ और महामारी मौसम वर्ग आपदा का प्रकोप है।  मानव जीवन विभिन्न वातावरण अपने आप को अनुकूल जोखिम बनता है। इंसान को अपने व्यवहार में बदलाव और भटकाव में परिवर्तन लाना होगा तभी पर्यावरण संरक्षण हो सके ।   हमलोग को यह भी सोचना चाहिए कि प्रकृतिक संसाधनों की 'अकेले' बर्बादी करते-करते हम आज इस कगार पर पहुंच गए हैं। तो अब सोचना छोड़िए प्रकृति को प्रति थोड़ा संवेदनशील हो जाइए। आपको बताते हैं कि कैसे अपनी आदतों और अपने घर में ये छोटे-छोटे बदलाव करके पर्यावरण बचाने में आप बड़ा योगदान दे सकते हैं। 
-प्लास्टिक की बोतलों या कंटेनरों में बिकने वाले प्रॉडक्ट्स को न खरीदें। इनकी जगह ग्लास या मेटल कंटेनर में मिलने वाले प्रॉडक्ट्स खरीदें।
-किचन के सामान के साथ बार-बार पेपर नैपकिन न खरीदें। इसके बदले कपड़े के रुमाल का प्रयोग करें।
-अगर आपको कोई सामान कुछ समय के लिए ही चाहिए तो उसे खरीदने की बजाय दोस्तों से मांग लें। किताब, मूवी और कपड़े भी अगर आपको एक ही बार पहनने के लिए चाहिए, तो उन्हें दोस्तों से मांगना ही ठीक रहेगा।
-घर के सामान और सब्जियां बल्क में खरीद लें जिससे बार-बार पैकेजिंग न करनी पड़े।
-अपनी गाड़ी में कपड़े का थैला हमेशा रखें और बाजार से सामान लेने पर हर बार सामान पॉलिथिन में लाने की बजाय इस थैले में ही लाएं।
-घर पर किसी सेलिब्रेशन के लिए डिस्पोजेबल प्लेट्स की जगह घर के बर्तन का या फिर पत्तलों का इस्तेमाल करें।
-बोतल के पानी का कम से कम इस्तेमाल करें। होटलों में अगर पानी साफ और फिल्टर्ड है तो वही इस्तेमाल करें। वह उस बोतल के पानी जैसा ही होगा जिसे हम शुद्ध समझकर पैसा खर्च करके खरीदते हैं। - पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहन के स्थान पर साइकिल औऱ सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल करे।  

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