Wednesday, 30 July 2025

जीविका BRLPS में ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर के कार्य एवं दायित्व...

जब हम जीविका की बात करते हैं, तो हमारे मन में महिला सशक्तिकरण, स्वयं सहायता समूह (SHG), आर्थिक आत्मनिर्भरता और ग्रामीण विकास जैसे शब्द उभरते हैं। परंतु इस संपूर्ण परिवर्तन की कहानी में एक महत्वपूर्ण किरदार ऐसा भी है, जो ज़्यादा दिखाई नहीं देता लेकिन उसकी भूमिका आधारशिला के समान होती है — और वह है ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर (BPM)

BPM किसी ब्लॉक में जीविका के सारे कार्यक्रमों का संचालन करता है। लेकिन सिर्फ एक प्रशासक समझना उसकी भूमिका को कम आंकना होगा। वह एक मॉनेजर है, नेता है, प्रेरक है और कभी-कभी संकटमोचक भी। उसकी कार्यशैली, दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता ही यह तय करती है कि जीविका की नीतियाँ ज़मीन पर किस हद तक और कितनी गुणवत्ता से उतरती हैं।

🌾 BPM का परिचय: ज़मीनी बदलाव का नेतृत्वकर्ता

BPM वह अधिकारी होता है जो जीविका के उद्देश्यों को ब्लॉक स्तर पर न केवल लागू करता है, बल्कि उन्हें समुदाय की ज़रूरतों के अनुसार ढालता भी है। वह SHG, ग्राम संगठन (VO), संकुल स्तरीय संघ (CLF), बैंक, पंचायत और सरकारी महकमों के बीच एक पुल की तरह काम करता है। उसका एक दिन केवल बैठकों और रिपोर्टिंग में नहीं बीतता, बल्कि गाँवों की गलियों में महिलाओं के सपनों को दिशा देने में भी लग जाता है।


📌 मुख्य भूमिकाएं जो BPM को विशेष बनाती हैं

1. योजना निर्माण और कार्यक्रम कार्यान्वयन

BPM जीविका की वार्षिक कार्य योजनाएं बनाता है — जैसे कोई किसान मौसम के हिसाब से फसल की रणनीति तय करता है। इसमें लाभार्थियों की पहचान, प्राथमिकताएं तय करना और संसाधनों का प्रभावी उपयोग करना शामिल होता है।

2. टीम लीडरशिप और प्रशिक्षण

हर BPM के साथ काम करती है एक समर्पित टीम — AC, CC, YP,LHS, MIS, MBK आदि। वह उन्हें न केवल कार्य सौंपता है, बल्कि उनका मार्गदर्शन करता है, उन्हें प्रेरित करता है और उनकी समस्याएं सुनकर समाधान भी खोजता है।

3. सामुदायिक सहभागिता

BPM यह सुनिश्चित करता है कि SHG सिर्फ नाम भर न रह जाए, बल्कि वास्तव में महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें। वह सामाजिक मुद्दों पर भी कार्य करता है — जैसे पोषण, शिक्षा, बाल विवाह, स्वच्छता आदि।

4. वित्तीय प्रबंधन

वह ब्लॉक के बजट का प्रबंधन करता है, बैंक लिंकेज सुनिश्चित करता है, और यह देखता है कि कोई अनियमितता न हो। वह समुदाय को वित्तीय साक्षरता भी देता है — यह बताता है कि पैसा कैसे बचाया और बढ़ाया जाए।

5. साझेदारी और समन्वय

चाहे वह स्वास्थ्य विभाग हो या कृषि, पंचायत हो या शिक्षा विभाग — BPM इन सभी के साथ मिलकर ऐसे कार्यक्रम बनाता है जो महिलाओं और गरीब परिवारों के लिए लाभकारी हों।


🎯 BPM में आवश्यक विशेषताएँ

एक अच्छे BPM के पास केवल डिग्री होना काफी नहीं, उसमें होना चाहिए:

  • नेतृत्व कौशल: टीम को जोड़े रखना, उन्हें एक लक्ष्य की ओर प्रेरित करना।

  • संपर्क कौशल: वह गाँव की दादी से लेकर जिला अधिकारी तक से सहज संवाद कर सके।

  • समस्या समाधान: जब कोई SHG महिला बैंक से लोन नहीं ले पा रही हो, तब BPM ही होता है जो समाधान निकालता है।

  • संगठनात्मक दक्षता: समय प्रबंधन, योजना, मीटिंग, रिपोर्टिंग — ये सब एक साथ कुशलता से संभालना।

  • भावनात्मक समझ: ग्रामीण महिलाओं की तकलीफों को समझना और उनके अनुसार नीति बनाना।

  • ईमानदारी और पारदर्शिता: यह गुण BPM को समुदाय में विश्वसनीय बनाते हैं।


🔄 BPM की दिनचर्या: चुनौतियाँ और प्रेरणाएँ

सोचना आसान है कि BPM की नौकरी आरामदेह है। लेकिन सच तो यह है कि एक BPM का दिन कभी तय समय पर खत्म नहीं होता। कभी वह किसी गाँव में रात 9 बजे तक मीटिंग लेता है, तो कभी उसे किसी महिला को बैंक अधिकारी के सामने खड़ा होकर समझाना पड़ता है।

  • चुनौतियाँ:

    • दूरदराज़ गाँवों में पहुंचना

    • सामाजिक मान्यताओं से जूझना

    • संसाधनों की कमी

    • टीम में मनोबल बनाए रखना

  • लेकिन
    हर बार जब कोई SHG महिला कहती है, "अब मैं अपने बच्चों की फीस खुद भरती हूँ," तो BPM के लिए वही उसकी असली जीत होती है।


🏆 BPM: बदलाव का वाहक

BPM का कार्य केवल सरकारी योजनाएं लागू करना नहीं, बल्कि लोगों में आत्म-विश्वास जगाना है। ग्रामीण महिलाओं में यह विश्वास भरना कि "हम भी कर सकते हैं, हम भी बदल सकते हैं।"

BPM वो व्यक्ति है, जो किसी साधारण महिला को लक्ष्मी दीदी, उद्यमी दीदी और लखपति दीदी बनाने की प्रेरणा देता है। उसका कार्य गाँव को आत्मनिर्भर बनाना है — आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सबसे मजबूत कड़ी।


🌟 अंत में — एक कहानी, एक प्रेरणा

कल्पना कीजिए एक BPM को — नाम है संगीता कुमारी वह हर दिन सुबह 6 बजे गाँवों में निकल जाती है। एक दिन वह पाती है कि एक SHG महिला को बैंक लोन नहीं मिल पा रहा क्योंकि उसका दस्तावेज़ अधूरा है। वह स्वयं बैंक जाती है, अधिकारियों से बात करती है, SHG की रिपोर्ट देती है और उस महिला को ₹50,0000 का ऋण दिलाती है। महीने भर बाद वही महिला एक छोटा बिजनेस शुरू करती है और अपने पति के साथ घर चला रही है।

संगीता मैम की आँखों में संतोष होता है — क्योंकि वह जानती है, उसका काम केवल फाइल पर दस्तखत नहीं, किसी के सपनों में जान फूंकना है।


📝 निष्कर्ष

जीविका में ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर की भूमिका केवल एक प्रशासनिक पद नहीं है, बल्कि यह नेतृत्व, संवेदना और समर्पण की मिसाल है। यह पद उन्हें हजारों परिवारों के जीवन में रोशनी लाने का अवसर देता है। एक BPM की मेहनत, समझ और नेतृत्व क्षमता ही तय करती है कि एक गाँव किस दिशा में बढ़ेगा।

अगर परिवर्तन की कहानी लिखी जाए, तो हर पन्ने पर BPM का नाम जरूर होगा — क्योंकि वह नायक है, जो परदे के पीछे रहकर भी सबसे बड़ा बदलाव लाता है।






No comments:

Post a Comment