Friday, 24 January 2025

## जीविका कार्यक्रम: बिहार में महिला सशक्तिकरण और सतत आजीविका की मिसाल...


जीविका कार्यक्रम, जिसे बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना (BRLP) के नाम से भी जाना जाता है, 2006 में महिलाओं के सशक्तिकरण और सतत आजीविका प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम ने न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि सामाजिक और सामुदायिक विकास में भी योगदान दिया है।

#### 1. **महिला सशक्तिकरण और आजीविका संवर्धन**
जीविका कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना था। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के रूप में संगठित किया गया। इन SHGs ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों में शामिल किया, जिससे वे आत्मनिर्भर बनीं और उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ। अब तक, 1 करोड़ 35 लाख से अधिक महिलाएं इस कार्यक्रम से लाभान्वित हो चुकी हैं।

#### 2. **आर्थिक स्वावलंबन और गरीबी उन्मूलन**
जीविका कार्यक्रम ने महिलाओं को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्रदान की। 10 लाख 63 हजार स्वयं सहायता समूह (SHGs) बनाए गए, जिससे महिलाएं बचत और छोटे-छोटे ऋण लेकर अपने छोटे व्यवसाय शुरू कर सकीं। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ, बल्कि गरीबी उन्मूलन में भी मदद मिली। आर्थिक स्वावलंबन के साथ-साथ, महिलाओं ने अपने परिवार की भी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया।

#### 3. **कौशल विकास और क्षमता वर्धन**
जीविका कार्यक्रम ने महिलाओं को विभिन्न प्रकार के कौशल विकास और प्रशिक्षण प्रदान किया। इससे महिलाओं की क्षमता में वृद्धि हुई और वे अपने व्यवसायों को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित कर सकीं। प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं ने नेतृत्व विकास, वित्तीय प्रबंधन, और उद्यमिता के गुण सीखे, जिससे वे सामुदायिक नेतृत्व में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकीं।

#### 4. **स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार**
जीविका कार्यक्रम ने महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं, पोषण, और शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की गई। इससे न केवल महिलाओं का स्वास्थ्य सुधरा बल्कि उनके बच्चों का भी विकास हुआ। बच्चों की शिक्षा पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल हुआ है।

#### 5. **सामाजिक स्वामित्व और आत्मनिर्भरता**
जीविका कार्यक्रम ने सामुदायिक स्वामित्व की भावना को बढ़ावा दिया। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनीं और अपने समुदाय के विकास में सक्रिय भागीदार बन सकीं। कार्यक्रम ने महिलाओं को नेतृत्व कौशल, निर्णय लेने की क्षमता, और सामुदायिक प्रबंधन में प्रशिक्षित किया। इससे महिलाएं न केवल अपने परिवार की बेहतरी के लिए बल्कि अपने समुदाय के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान देने लगीं।

#### 6. **स्वरोजगार के अवसर और पलायन का रोकथाम**
जीविका कार्यक्रम ने महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए, जिससे वे अपने परिवार की आय में योगदान कर सकीं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े और पलायन का रोकथाम हुआ। महिलाएं अपने गांव में रहकर ही आत्मनिर्भर बनीं और अपने व्यवसायों को संचालित कर सकीं।

### 18 वर्षों की यात्रा: जीविका का प्रभाव

जीविका कार्यक्रम ने अपने 18 वर्षों के कार्यकाल में बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार किया है। यह कार्यक्रम न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने में सफल रहा, बल्कि उनके परिवारों और समुदायों के जीवन स्तर में भी सुधार लाया। महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक स्वावलंबन के माध्यम से यह कार्यक्रम बिहार जैसे पिछड़े राज्य में गरीबी उन्मूलन और सामाजिक परिवर्तन का मुख्य आधार बना।

#### **राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) का शुभारंभ**

जीविका कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए, भारत सरकार ने 2011 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) की शुरुआत की। NRLM का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को संगठित करना और उन्हें सतत आजीविका के अवसर प्रदान करना था। जीविका कार्यक्रम की तरह, NRLM ने भी महिलाओं के सशक्तिकरण, आर्थिक समावेशन, और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

### जीविका की रणनीति और समिति संरचना

जीविका कार्यक्रम की सफलता के पीछे एक मजबूत रणनीति और समिति संरचना का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसमें निम्नलिखित प्रमुख रणनीतियाँ शामिल हैं:

1. **सामुदायिक संगठन**: महिलाओं को SHGs के रूप में संगठित करना।
2. **वित्तीय समावेशन**: महिलाओं को बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं से जोड़ना।
3. **कौशल विकास**: महिलाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम प्रदान करना।
4. **नेतृत्व विकास**: महिलाओं को नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता में प्रशिक्षित करना।
5. **सामुदायिक स्वामित्व**: महिलाओं को अपने समुदाय के विकास में सक्रिय भागीदार बनाना।

जीविका की समिति संरचना में विभिन्न स्तरों पर समितियाँ शामिल हैं, जो कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं की निगरानी और क्रियान्वयन में सहायता करती हैं।

### बिहार सरकार, केंद्र सरकार, और विश्व बैंक का योगदान

जीविका कार्यक्रम की सफलता में बिहार सरकार, केंद्र सरकार, और विश्व बैंक का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बिहार सरकार ने कार्यक्रम के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की। केंद्र सरकार ने NRLM के तहत जीविका कार्यक्रम को समर्थन दिया और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक नीतिगत समर्थन प्रदान किया।

विश्व बैंक ने भी जीविका कार्यक्रम को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की। विश्व बैंक की सहायता से कार्यक्रम को विभिन्न तकनीकी और वित्तीय संसाधनों तक पहुंच प्राप्त हुई, जिससे इसके क्रियान्वयन में सुधार हुआ और कार्यक्रम की प्रभावशीलता बढ़ी।

### निष्कर्ष

जीविका कार्यक्रम ने बिहार में महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस प्रकार, यह कार्यक्रम न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक परिवर्तन लाने में भी सफल रहा है। महिलाओं के सशक्तिकरण, आर्थिक समावेशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, और सामुदायिक विकास के माध्यम से जीविका कार्यक्रम ने बिहार में एक नई क्रांति लाई है।

जीविका कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है बल्कि उन्हें अपने समुदाय के विकास में सक्रिय भागीदार बनाना भी है। इस प्रकार, जीविका कार्यक्रम ने बिहार में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है और अन्य राज्यों और देशों के लिए एक मिसाल के रूप में स्थापित हुआ है। 


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